Thursday, March 4, 2021

बजट में की गई घोषणाओं से प्रदेश में बनेगा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का और बेहतरीन माहौल

 



माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी द्वारा बजट 2021—22 प्रस्तुत किया गया। इस बजट में प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इन घोषणाओं के लागू होने पर प्रदेश के गावों एवं कस्बों में भी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिलेगी, साथ ही डिजिटल एवं ऑनलाइन की पहुंच आसान होगी।


बजट 2021—22 में शिक्षा के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय घोषणाएं-

गांवों एवं कस्बों में भी मिलेगी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी के नेतृत्व में प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा को बढ़ावा देने उल्लेखनीय प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले साल प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर 201 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले गए। इस बजट घोषणा में उन्होंने 5 हजार से अधिक आबादी वाले सभी गांवों एवं कस्बों में अगले 2 वर्षों में अंग्रेजी माध्यम के लगभग 1200 महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय प्रारंभ करने की घोषण की है।

इसके साथ ही अभिनव पहल के रूप में जिला मुख्यालयों पर स्थित 33 अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं का संचालन किया जायेगा।


इन घोषणाओं से प्रदेश के अंग्रेजी माध्यम में सरकारी विद्यालयों में भी बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। जिससे गरीब व जरूरतमंदों परिवारों के बच्चे भी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।


कृषि शिक्षा को बढ़ावा

प्रदेश में कृषि संकाय की मांग एवं विद्यार्थियों को कृषि, उद्यानिकी एवं कृषि—वानिकी के क्षेत्र में अध्ययन के विकल्प प्रदान करने के लिए विज्ञान संकाय वाले 600 राजकीय विद्यालयो में कृषि संकाय खोले जाने की घोषणा की गयी है।  


इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण

प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में चरणबद्ध रूप से बुनियादी सुविधायें विकसित करने हेतु 3500 से अधिक क्लासरूम, लैबोरेट्रीज, पुस्तकालय, आर्ट एवं क्राफ्ट, कम्प्यूटर रूम आदि का निर्माण करवाया जाएगा, 15 नए भवनों का निर्माण एवं 70 विद्यालयों में मरम्मत इत्यादि कार्य करवाए जायेंगे। इन कार्यों पर 540 करोड़ रुपये खर्च होंगे।


प्रदेश के 37 हजार 400 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा अंग्रेजी माध्यम के 134 स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल विद्यालयों में प्री-प्राइमरी के बच्चों के लिए 225 करोड़ रुपये की लागत से चाइल्ड फ्रेंडली फर्नीचर उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है।


ऑनलाइन शिक्षा को दिया जाएगा बढ़ावा

प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न परिस्थितियों में डिजिटल शिक्षा एवं ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रखी गई। इसी वजह से आगामी वर्ष में सभी राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में स्मार्ट टीवी एवं सेटटॉप बॉक्स उपलब्ध कराए जायेंगे।


छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों में इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा एवं ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सभी विश्वविद्यालयों की लाईब्रेरी में फ्री वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करवायी जायेगी जिस पर 82 करोड़ रुपये का व्यय होगा।


मूक-बधिरों के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अवसर

मुख्यमंत्री जी ने गांधी बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, माता का थान (जोधपुर) एवं पोद्दार मूक बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय (जयपुर) में विशेष योग्यजन विद्यार्थियों हेतु दो नवीन महाविद्यालय बनाने की घोषणा की है।


तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा

जोधपुर में 400 करोड़ रुपये की लागत से Fintech Digital University स्थापित की जायेगी। जयपुर में 200 करोड़ रुपये की लागत से Rajasthan Institute of Advanced Learning की डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापना की जायेगी। साथ ही जयपुर में लगभग 200 करोड़ रुपये की राशि से Rajiv Gandhi Center of Advance Technology (R-CAT) स्थापित किया जायेगा।


वैज्ञानिक गतिविधियों को प्रोत्साहन

प्रदेश के लगभग 1 हजार 500 राजकीय विद्यालयों के कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए साइंस एंड स्पेस क्लब खोले जायेंगे।


विद्या संबल योजना को किया जाएगा लागू

राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों— विद्यालयों, महाविद्यालयों, आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में विषय विशेषज्ञ अनुभवी व्यक्तियेां को गेस्ट फैकल्टी के रूप में लेने के लिए विद्या संबल योजना लागू करने की घोषणा की है। जिससे छात्रों को अध्यापकों की कमी के लिए जूझना नहीं पड़ेगा।


इस प्रकार मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय घोषणाएं की है। जिससे प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा।

Wednesday, March 3, 2021

बजट 2021-22 की ऐसी घोषणाएं, जो बदलेंगी राजस्थान की तस्वीर



राजस्थान में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किये गए जन बजट 2021-22 में अनेक उल्लेखनीय निर्णयों एवं घोषणाओं ने इसे विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों के लिए हितकारी और बेमिसाल बनाया है। प्रदेश के हर वर्ग, हर व्यक्ति के लिए बजट में सौगातें हैं। प्रदेश में पहली बार पेपरलैस बजट पेश किया गया, जोकि एक ऐतिहासिक कदम है। बजट के माध्यम से समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए विकास योजना की रूपरेखा तैयार होती है। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के किसान भाइयों, व्यापारियों, उद्यमियों, युवाओं, महिलाओं, वंचित वर्गों, मजदूरों आदि सभी को साथ लेकर प्रदेशवासियों के जीवन को खुशहाल बनाने की सोच के साथ बजट पेश किया। 


राजस्थान के विकास को समर्पित राज्य बजट में ऐसी अनेक बातें हैं जिनसे सरकार के ध्येय, आमजन की सेवा करते हुए संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन देने की प्रतिबद्धता एवं संकल्प प्रदर्शित होता है। सरकार सबसे जरूरतमंद व्यक्ति तक सबसे पहले पहुंचना चाहती है। प्रत्येक नागरिक के कल्याण को समाहित करने वाले इस बजट की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हैं, जिनसे माननीय मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में प्रगति के पथ पर अग्रसर राजस्थान की आगामी वर्षों में बदलती तस्वीर देखने को मिलेगी


आगामी वर्ष से कृषि के लिए अलग से होगा बजट

राजस्थान अन्नदाता का स्थान है एवं यहाँ उन्हें हर प्रकार की एवं बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। राज्य बजट 2021-22 के अंतर्गत अन्नदाताओं के बेहतर भविष्य के लिए, उन पर पूर्ण ध्यान देने हेतु एवं उनके हितों के संरक्षण के लिए आगामी वर्ष से 'कृषि बजट' की शुरुआत करना प्रस्तावित किया गया है। अलग बजट से किसानों को दी जाने सुविधाओं पर ध्यान देकर उन्हें उन्नति के मार्ग पर ले जाने में सरलता होगी। किसानों के ऋण संबंधी प्रावधानों एवं उन्हें सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं को इसी कृषि बजट में रखा जायेगा।


ग्रामीण बस सेवा की शुरुआत

राज्य बजट 2021-22 के अंतर्गत पर्यटन एवं परिवहन को लेकर विभिन्न घोषणाएं की गई हैं। शहरों की तरह ही ग्रामों में परिवहन को लेकर किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए नए वाहनों के साथ ग्रामीण बस सेवा दोबारा शुरू करने पर सहमति दी गयी है। कई ग्राम पंचायतों में जहाँ अभी तक परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं थे ऐसी 6000 ग्राम पंचायतों को परिवहन सेवा से जोड़ा जायेगा। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। साथ ही प्रदेश के प्रतापगढ़, करौली, जैसलमेर और बारां जिलों में ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर्स बनाये जायेंगे। परिवहन क्षेत्र में लिए गए इन निर्णयों की बदौलत हमारे ग्रामीण भाई-बहन आसानी से आवगमन कर सकेंगे।


प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागियों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा

राज्य सरकार के इस जनहितकारी बजट में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों के लिए राजस्थान रोडवेज में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की गयी है। ऐसे में छात्र-छात्राओं पर पड़ने वाले आर्थिक भार में कमी आयेगी एवं वे परीक्षा पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे। प्रतियोगी परीक्षा के प्रतिभागियों के साथ ही प्रदेश के युवा ब्रांड एम्बेसडर्स को भी यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।


मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना का विस्तार

महिला सशक्तीकरण में राजस्थान सरकार सदैव आगे रही है एवं इस बजट में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा की गई मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के विस्तार की घोषणा में यह साफ़ जाहिर भी हुआ है। इस योजना के अंतर्गत सभी महिलाओं को नि:शुल्क सेनेटरी नैपकिन के लिए 200 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इससे महिलाओं को अब इन नैपकिन्स पर आर्थिक व्यय करने की आवश्यकता नहीं होगी एवं जो महिलाएं इन्हें खरीदने में समर्थ नहीं हैं उन्हें भी यह मुफ़्त प्राप्त हो सकेंगे। शहरी एवं खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में नैपकिन उपलब्ध करवाकर महिला स्वास्थ्य का पूरा ध्यान राज्य सरकार द्वारा रखा गया है।


जरूरतमंद को सहायता में बढ़ोतरी

कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट से उबारने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किये गए बजट में जरूरतमंदों, असहायों, निराश्रितों एवं मजदूर परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई गयी है। लगभग 33 लाख ऐसे लोगों को आगामी वर्ष में अंतिम क़िस्त के रूप में 1-1 हजार रूपये की सहायता राशि 2 बार में देने की घोषणा की गई है। कोरोनाकाल ने गरीब वर्ग पर काफी प्रभाव डाला है एवं राज्य सरकार ने समय पर उनको सहायता उपलब्ध करवाई जिससे मुश्किल समय में भी वे परेशान न हों एवं अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकें। आमजन की पीड़ा को अनुभव करते हुए एक विशेष कोविड पैकेज की घोषणा की गयी है।


जीवन रक्षक योजना की शुरुआत

प्रदेश में आपातकाल में नागरिकों की सुरक्षा एवं मदद के लिए लोगों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष योजना की शुरुआत की गई है। जीवन रक्षक योजना के तहत गंभीर घायलों का जीवन बचाने वाले व्यक्तियों को 5 हजार रूपये एवं प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मान दिया जायेगा। इससे लोगों को जहाँ जीवन बचाने पर प्रोत्साहन मिलेगा वहीं घायलों की जान बचाना समय पर संभव हो पायेगा।


यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज

बजट 2021-22 में प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा का उपहार देते हुए आगामी वर्ष से राजस्थान में 3500 करोड़ रूपये की लागत से Universal Health Coverage लागू किया जाएगा। यह योजना देश में पहली बार चलायी गई है। इसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपये की चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इस प्रकार से आयुष्मान भारत-महात्मा गाँधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के NFSA एवं SECC परिवारों के साथ-साथ समस्त संविदाकर्मियों, लघु एवं सीमान्त कृषकों को नि:शुल्क तथा अन्य परिवारों को बीमा प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि पर (लगभग 850 रूपये वार्षिक खर्च पर) सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में कैशलेस इलाज हेतु 5 लाख रूपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।


राज्य सरकार के इस बजट में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा विभिन्न घोषणाओं के माध्यम से राज्य के हर नागरिक के चेहरे पर मुस्कान आई है। विभिन्न माध्यमों से लोगों को लाभान्वित कर उन्हें अनेक सुविधाएं एवं सेवाएं पहुँचाने के लिए विभिन्न कार्य किये जाएंगे। राज्य सरकार का प्रयास है कि कोई वर्ग किसी प्रकार से बजट के लाभों से अछूता न रहे एवं राज्य चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसर हो। 

Tuesday, March 2, 2021

देश में पहली बार राजस्थान में 'यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज': प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपये की चिकित्सा बीमा सुविधा


 
'पहला सुख निरोगी काया' की अवधारणा पर काम करते हुए महात्मा गांधी जी के कथन 'स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी' को आत्मसात करते हुए माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि रख निरोगी राजस्थान बनाने के लिए लगातार हर संभव कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी का सपना है राजस्थान देशभर में चिकित्सा सेवाओं में सिरमौर बने। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना शुरू की जो देशभर में नज़ीर बनीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी फ्री मेडिसिन स्कीम की तारीफ की... अब स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ाते हुए 'निरोगी राजस्थान' अभियान का आगाज़ किया जिसमें हर प्रदेशवासी को रोगमुक्त रखने की सोच है, कोरोना प्रबंधन के दौरान प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं लगातार सुदृढ़ होती गईं.. इसी कड़ी में आयुष्मान भारत—महात्मा गांधी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू कर प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं सुलभ करवाई हैं।  


इन्हीं कार्यों एवं नवाचारों को और आगे ले जाने के लिए और प्रदेश को चिकित्सा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2021—22 के बजट में 'राजस्थान मॉडल ऑफ पब्लिक हैल्थ' (RMPH) लागू करने की घोषणा की है। इस मॉडल को प्रभावी बनाये जाने तथा सभी को स्वास्थ्य का अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से 'राइट टू हैल्थ बिल' भी लाया जाएगा। इस मॉडल से हर व्यक्ति के लिए उच्चतम स्तर के स्वास्थ्य मानदण्डों को प्राप्त करना है, यह अपने आप में एक अनूठा उदाहरण है।


3500 करोड़ रुपये का 'यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज' होगा लागू

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी इस बजट में प्रदेशवासियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योजना लाए हैं, जो हर परिवार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगी। उन्होंने प्रदेश में 'यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज' लागू करने की घोषणा की है जो देश में पहली बार राजस्थान में लागू होगा। इसकी लागत 3500 करोड़ रुपये होगी। इसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये तक का चिकित्सा बीमा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा। 


इस प्रकार, आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के NFSA एवं SECC परिवारों के साथ-साथ समस्त संविदाकर्मियों, लघु एवं सीमान्त कृषकों को निःशुल्क तथा अन्य परिवारों को बीमा प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि पर (अर्थात लगभग 850 रूपये वार्षिक खर्च पर) सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में cashless इलाज हेतु 5 लाख रूपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।


मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में प्रदेशवासियों को 5 लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा। इससे प्रदेश के सभी परिवारों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।

Friday, August 21, 2020

स्वास्थ्यकर्मियों को मिलेगा मेहनत का पुरस्कार

 



मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए कोरोना महामारी के गंभीर रोगियों की देखभला करने वाले डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को प्रोत्साहन दिया है। मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कोविड केयर अस्पतालों के आईसीयू तथा वार्डों में कर्मठता से काम करने वाले चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों को अतिरिक्त मानदेय देने के निर्देश दिए हैं। यह अतिरिक्त मानदेय कोविड सेंटर्स के गंभीर मरीज़ों की रात में देखभाल करने वाले चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों के लिये होगा। इस निर्णय से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने यह प्रदर्शित किया है कि राज्य सरकार आमजन के जीवन की रक्षा करने के लिये प्रतिबद्ध है और उनकी सुरक्षा में किसी प्रकार की कौताही बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री का यह फैसला अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीज़ों की सेवा करने वाले चिकित्साकर्मियों के लिये एक सौगात की तरह है।


यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री ने कोरोना मरीजों की रात के समय अधिक देखभाल करने को लेकर गंभीरता जताई हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट एवं कई अन्य शोधों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने एक एडवाइज़री जारी कर चिकित्सकों को रात्रि के समय मरीजों की ज्यादा देखभाल करने की नसीहत दी थी। शोधों के मुताबिक गंभीर कोरोना मरीज़ों का श्वसन तंत्र इस बीमारी के कारण कमज़ोर हो जाता है एवं रात्रि के समय उनके ब्लड में ऑक्सीजन सेचुरेशन कम होने की वजह से उनकी मौत भी हो जाती है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सभी अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटर्स की गहन चिकित्सा इकाइयों तथा होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों की रात के समय अधिक मॉनिटरिंग के निर्देश दिये थे।

राज्य सरकार का लक्ष्य कोरोना से मृत्युदर शून्य करना है तथा मुख्यमंत्री श्री अशोग गहलोत के अनुसार हर नागरिक का जीवन बचाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। इसलिये वे स्वयं के स्तर पर लगातार कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते रहे हैं। वे सभी जिलों के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी कर जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धा सुनिश्चित करने के भी निर्देश दे चुके हैं।

इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान मानव सेवा में जुटे चिकित्सक एवं अन्य मेडिकल स्टाफ का मनोबल बढ़ाने का काम भी वे लगातार कर रहे हैं। हाल ही उन्होंने राजस्थान के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सा समूहों के अधीक्षकों को एक नोटिस जारी कर कोविड-19 में उत्कृष्ट काम कर रहे नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ के नाम भिजवाने को भी कहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जनता से भी अनुरोध किया है कि वे कोविड-19 से बचाव की दिशा में हैल्थ प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना करें। क्योंकि कोरोना से बचाव सजगता एवं सतर्कता से ही संभव है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ रही संख्या को लेकर चिंतित तो हैं ही, साथ ही वे जनता को यह भी समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद उनका स्वयं सतर्क रहना इस बीमारी से बचाव के लिये ज़्यादा आवश्यक है। वे अपने सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी आमजन में जागरूकता फैलाने के प्रयास करते दिखाई देते हैं। 

Saturday, June 6, 2020

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के दूरदर्शी फैसले


प्रदेश भर में कोराना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार गतिविधियों के अलावा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान  



कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई स्थितियों में राजस्थान स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में देशभर में 'मॉडल स्टेट' के रूप में उभरा है। एक ओर जहां प्रदेश में अधिक संख्या में जांचें हो रही हैं, वहीं संक्रमित लोगों का आंकड़ा अन्य बड़े राज्यों के मुकाबले तुलनात्मक रूप से कम है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर प्रदेश में मुस्तैद क्वारेंटाइन व्यवस्था के चलते प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। यहां मरीजों के दुगुना होने का समय राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और मृत्युदर भी राष्ट्रीय औसत के मुकाबले कम है।

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के दौरान ही निर्देश दिए थे कि गर्भवती महिलाओं की जांच एवं टीकाकरण का कार्य कोविड-19 की वजह से बाधित नहीं होना चाहिए। साथ ही अन्य बीमारियों के लिए आमजन को परेशान न होना पड़े, इसके लिए भी मुख्यमंत्री ने विशेष व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना में प्रदेश भर में कोराना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार गतिविधियों के अलावा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पोषण दिवस आयोजित कर प्रसूताओं एवं बच्चों को टीकाकरण सहित विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से प्रदान की जा रही हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच यथा हिमोग्लोबिन जांच, वजन, मूत्र, मधुमेह, लम्बाई, रक्तचाप की जांच की और आवश्यक परामर्श भी दिया जा रहा है।

550 मोबाइल वैन दे रही हैं चिकित्सा परामर्शमुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर प्रदेश भर में 550 मोबाइल ओपीडी वैन भी चलाई जा रही हैं, जिनके माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोग सामान्य बीमारियों के लिए चिकित्सा परामर्श ले रहे हैं। इन सेवाओं से प्रदेशभर में लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इसके अलावा ई-संजीवनी पोर्टल पर भी विशेषज्ञ चिकित्सक प्रदेशवासियों को नि:शुल्क आॅनलाइन परामर्श दे रहे हैं।

एसएमएस और जयपुरिया अस्पताल हुए कोविड फ्रीआमजन को कोविड-19 के अतिरिक्त दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए परेशान न होना पड़े, इसके लिए राज्य सरकार विशेष इंतजाम कर रही है। राज्य सरकार ने जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल और जयपुरिया अस्पताल को कोविड फ्री घोषित किया है और आरयूएचएस में कोविड-19 से जुड़ी सभी तरह की चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ किया है। इसी का परिणाम है कि  प्रदेश भर में कोराना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार गतिविधियों के अलावा दूसरी बीमारियों के मरीजों के लिए भी सुविधाओं में किसी तरह की कसर नहीं रखी जा रही है।

Wednesday, May 27, 2020

'हरिद्वार में परिजन की अस्थियां विसर्जन कर मन में गहरा संतोष'- मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा से लौटे यात्री जता रहे हैं मुख्यमंत्री का आभार



वैशाली नगर, जयपुर निवासी श्री गौरव अग्रवाल की दादी का देहान्त लगभग एक माह पहले हुआ था। अंतिम संस्कार के पश्चात् लॉकडाउन के कारण वे हरिद्वार जाकर दादी की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित नहीं कर पाए थे तथा उनका अस्थि कलश अंतिम संस्कार स्थल पर ही रख दिया गया था। उनके मन में यह मलाल था कि वे हिंदू धर्म की रीति के अनुसार दादी की अस्थियां गंगा में विसर्जित नहीं पाए। वे अधीरता से लॉकडाउन खुलने और आवागमन के सुचारू होने का इंतजार कर रहे थे।

जब उन्हें पता चला कि प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के उन जैसे लोगों की पीड़ा को समझते हुए मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा शुरू की है, तो उनके संतोष का ठिकाना ही नहीं रहा। अब वे इस विशेष बस से हरिद्वार की नि:शुल्क यात्रा कर अपनी दादी की अस्थियों का विसर्जन गंगा नदी में कर चुके हैं और उनके मन में गहरा संतोष है।


श्री गौरव अग्रवाल ने मंगलवार रात जयपुर लौटकर कहा, 'मैं मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा की शुरुआत की। मुख्यमंत्री मेरे जैसे अनेक लोगों की पीड़ा को समझते हैं, जो हरिद्वार जाकर अपने प्रियजनों की अस्थियों का विसर्जन नहीं कर पाए।' श्री गौरव अग्रवाल ही नहीं, बल्कि हरिद्वार जाने वाला प्रत्येक व्यक्ति इस संवेदनशील फैसले के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का दिल की गहराइयों से आभार जता रहा है।



क्या है मोक्ष कलश स्पेशल निःशुल्क बस सेवा

इस सेवा के तहत राजस्थान के विभिन्न शहरों से मोक्ष कलश विसर्जन हेतु 25 मई, 2020 से हरिद्वार यात्रा की शुरुआत की गई है। इसमें दोनों तरफ की यात्रा नि:शुल्क प्रदान की जाती है। एक मोक्ष कलश के साथ 2 व्यक्ति यात्रा कर सकते हैं। यात्रा के लिए http://rsrtc.rajasthan.gov.in या https://rsrtconline.rajasthan.gov.in/ पर पंजीयन करवाया जा सकता है। बीते दो दिनों में जयपुर, अलवर, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर एवं नागौर से 8 बसें रवाना हुई हैं, जिनमें 144 मोक्ष कलश और 280 यात्री हरिद्वार भिजवाए गए। साथ ही मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के प्रयासों से उत्तरप्रदेश सरकार से भी गढ़मुक्तेश्वर व सोरोंजी के लिये बसें चलाने की अनुमति मिल गयी है।

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का कहना है, 'इस पहल का प्रदेश भर में आमजन से अच्छा रेस्पोंस मिला है। हमारी पिछली सरकार के समय शुरू की गई वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना का भी लोगों को काफी लाभ मिला था। उसी तर्ज पर इस योजना का लाभ भी अपनों की अस्थियों के विसर्जन का इंतजार कर रहे लोगों को मिले। क्योंकि यह कई परिवारों के लिए बहुत संवदेनशील विषय है। राजस्थान सरकार शोकाकुल परिजनों के दुख में उनके साथ मजबूती से खड़ी है।'

Thursday, December 22, 2016

सियासत है... जो कि जागने नहीं देती, जनता है... जो कि जागना भी नहीं चाहती...




प्रिय देशवासियों,

यदि आप एक ऐसे दल की सरकार चुनते हैं जो लंबे समय तक विपक्ष में रहकर शासन में आई है वह आपकी समस्याएँ कतई नहीं सुनेगी ही उनका समाधान ढूंढेगीक्यों जनता की आवाज़ उस तक पहुंचेगी नहीं और विपक्ष  जब-जब  जनता की आवाज बनेगा - सत्ता और जनता द्वारा उससे यह प्रश्न कर लिया जाएगा आपने इतने समय में क्या किया....??

सरकार में रहते हुए किसी दल से कोई कमी रह गयी, उसीको आधार बनाकर तो दूसरा दल सत्ता पर काबिज होता है फिर क्यों पूरे शासनकाल में भारतीय जनता पार्टी अपने काम से जवाब देने के बजाय उसी आधार को अपना जवाब बना देती है...

आजादी के बाद देश हमें किन हालातों में मिला यह आप उस समय का इतिहास उठाकर देख लीजिये, आज हम इसे यहां तक लाए... ठहराव, बिखराव, दुर्दशा और विदेशी शासन से शोषित और पीड़ित भारतवर्ष को आज का भारत बनाया, एक ऐसा देश आपको दिया जिसके प्रधानमंत्री बनकर नरेन्द्र मोदी छाती फुलाए घूम रहे हैं, लेकिन मूलभूत समस्याएँ गरीबी, बेगारी, महंगाई, हिंसा, आतंकवाद ऐसे विषय हैं जिनपर लागातार काम करना होता है, यह एक सतत प्रक्रिया है...

हम ऐसी योजनाएं लाए जिनसे लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठा, हमने रोजगार की गारंटी दी, बच्चों को भोजन का अधिकार दिया, गरीब को सस्ता अनाज उपलब्ध करवाया, जो हिंदुस्तान अँधेरे में जी रहा था बिजली से रौशन किया, रेल के जाल बिछे, बड़े-बड़े राजमार्गों से पूरा हिंदुस्तान जुड़ गया, हवाई जहाज उड़ने लगे, बनने लगे, हमने अपना यान तक मंगल भेज दिया.... पूरे विश्व में भारतीय अपनी प्रतिभा की वजह से काम करने लगे, सामाजिक कुरीतियों ने भारत को जकड रखा था हमारे समय में ऐसे बदलाव हुए, क्रांतिकारी कदम उठे जिनसे बंधन टूटे और सोच आजाद हुई... अनगिनत उपलब्धियां हैं जिनपर हम सर उठाकर कहते हैं कि ये हमने किया...

विश्व पटेल पर, भारत के कारण नरेन्द्र मोदी को जाना गया नरेन्द्र मोदी भारत की पहचान नहीं हैं, और यदि कोई ऐसा समझता है तो भ्रम का कोई समाधान नहीं....

भारतीय जनता पार्टी पिछले शासन में भ्रष्टाचार की बात करती है तो मैं बिलकुल साफगोई से कहता हूँ, जो हुआ उसकी जांच हुई, मंत्री तक जेल गए, मुक़दमे हुए लेकिन आप क्या कर रहे हैं मोदी जी.....!!

  • क्या आपने ललित गेट में श्रीमती स्वराज और श्रीमती राजे की जांच करवाई...?
  • क्या राजस्थान में खान घोटाले कि आपने सुध ली...?
  • क्या आपने व्यापम घोटाले में शिवराज जी का इस्तीफा ले लिया...?
  • क्या आपने व्यापम के फेर में मौत के मूंह में समाए लोगों को न्याय दिलवाने की कोशिश की...?
  • क्या आप अगस्ता वेस्टलैंड की जांच करवाएंगे...?
  • क्यूँ आपने चिक्की घोटाले में मुंडे को क्लीन चिट दिलवा दी...?
  • कैसे आपका एक तथाकथित सन्यासी मित्र 2 वर्षों में हर चीज का निर्माता बन गया...

सवाल बहुत हैं, पर आपके पास मजाक और कुतर्क के अलावा कोई जवाब होगा ये मैं नहीं मानता...

हमारे समय में जिन जगह बिजली के कनेक्शन नहीं पहुंचे, जिनको रोजगार नहीं मिला, जिनकी गरीबी  दूर नहीं हुई, जो अशिक्षित रह गए, तमाम ऐसी चीजें जिन्हें आप गिनाते हो वे अब आपके लिए मुद्दा नहीं हैं वो आपकी जिम्मेदारियां हैं, उन्हें पूरा करने के लिए ही आप आए हैं, लेकिन उसी जगह आप मनोरंजन कर रहे हैं... मनोजरंजन के लिए सबके पास टेलीवीजन है और कइयों के पास मुफ्त का जियो इंटरनेट भी है, भारत की जनता ने आपको सार्वजनिक मंच से अपने मनोरंजन के लिए नहीं चुना और ही इसलिए चुना है की आप अब भी 60 वर्ष का रिकॉर्ड अलापते रहें, उसका किस्सा तो आपके प्रधानमंत्री बनने के साथ ही खत्म हो जाना चाहिए था क्योंकि उसीके कारण आपको मौक़ा दिया गया है, लेकिन आप लगातार जनता को गुमराह कर रहे हैं, अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं...

आप अपने वादे पूरे करिये जो कहा है उसे करके दिखाइए वरना आप इतिहास में एक ऐसे प्रधानमंत्री के तौर पर दर्ज होकर रह जाएंगे जो बेहद लोकप्रिय था लेकिन कर कुछ नहीं पाया....

मुझे बेहद अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है की भारत की जनता भी यह सवाल नहीं कर रही है कि अब आप पिछला नहीं गिनाइए, अपना बताइये, वो उन वादों और दावों को भी भूल रही है जिसके लिए उसने कड़ी से कड़ी जोड़ी है... यह हर हिंदुस्तानी का अधिकार है की वह सवाल करे अपने हित कि सोचे, यदि वह एक दल को छोड़कर दूसरे दल को चुनती है तो तुलना करे... अपने हितों के लिए जब आप स्वयं नहीं सोचेंगे तो आप मोहरे बनकर रह जाएंगे...!
जागिये क्योंकि हिंदुस्तान की तरक्की उसके जागरूक नागरिकों से जुडी है....

खामोश आवाम से इंक़लाब नही हुआ करते
आवाज़ से घबराती है सियासतें हुक्मरानों की